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रिलायंस समूह के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल अंबानी से जुड़े कंपनियों के लोन फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज (शनिवार) को पहली गिरफ्तारी की है. बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड (BTPL) के मैनेजिंग डायरेक्टर पार्थ सारथी बिस्वाल को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत हिरासत में लिया गया है. 6 अगस्त तक बिस्वाल ईडी के गिरफ्त में रहेंगे.
ईडी की ओर से ये कार्रवाई BTPL के भुवनेश्वर और कोलकाता स्थित ठिकानों पर ईडी की छापेमारी के अगले ही दिन हुई. आरोप है कि बिस्वाल ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) को फर्जी बैंक गारंटी दी थी. एक दिन पहले यानि एक अगस्त को ईडी ने अनिल अंबनी के ख़िलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया था.
SBI की फर्जी ईमेल और 68.2 करोड़ रुपये की जालसाजी
ईडी के जांच में सामने आया कि BTPL ने 68.2 करोड़ रुपये की जालसाजी की. इसके लिए BTPL ने फर्जी बैंक गारंटी बनाई, जिसमें एसबीआई के नकली अप्रूवल लेटर और स्पूफ ईमेल आईडी से भेजे गए फर्जी ईमेल शामिल थे. यह गारंटी SECI की एक टेंडर प्रक्रिया में दी गई थी.
रिलायंस पावर से मिले 5.4 करोड़ रुपये
ईडी के अनुसार, BTPL को रिलायंस की ओर से 5.4 करोड़ रुपये मिले. एसबीआई के फर्जी बैंक गारंटी के एवेज में ये पैसे दिए गए.
ईडी के अधिकारियों का कहना है कि BTPL और रिलायंस के बीच हुए वित्तीय लेन-देन इस जांच के लिए बेहद अहम है.
यह भी पढ़ें: अनिल अंबानी की बढ़ी मुश्किलें, 3000 करोड़ के लोन फ्रॉड मामले में ED ने जारी किया लुकआउट नोटिस
7 गुप्त बैंक खातों का पता चला
जांच में ये भी सामने आया है कि BTPL 2019 में स्थापित हुई कंपनी है और उसने अपने आय से अधिक वित्तीय लेनदेन किए हैं और कई गुप्त बैंक अकाउंट्स का खुलासा हुआ है. इन अकाउंट्स से करोड़ों का लेन-देन हुआ.
5 अगस्त को अनिल अंबानी से होगी पूछताछ
इसी मामले में ईडी ने अनिल अंबानी को पूछताछ के लिए 5 अगस्त को तलब किया है.
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