इंडो-पैसिफिक में छिड़ने वाली है जंग, ताइवान पर हमले की फिराक में चीन…ट्रंप ने दी ड्रैगन को चेतावनी – indianews.in

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India News (इंडिया न्यूज), US-China In Indo-Pacific Region : अमेरिका और चीन के बीच तनातनी एक बार फिर से बढ़ गई है। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता को देखते हुए अमेरिका की तरफ से उसे चेतावनी जारी की गई है। इसको लेकर यूएस की तरफ से कहा गया है कि बीजिंग ताकत का इस्तेमाल करके इंडो-पैसिफिक इलाके में शक्ति के क्षेत्रीय संतुलन को बदलने की तैयारी में लगा हुआ है। इसके अलावा बीजिंग का मुख्य उद्देश्य ताइवान पर अपना कब्जा जमाना भी है।
यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने सिंगापुर में आयोजित शांगरी-ला डायलॉग 2025 में इस मामले को संबोधित किया है। अपने संबोधन में पीट हेगसेथ ने कहा, “चीनी सेना वास्तविक हमले का अभ्यास कर रही है और ताइवान पर कब्ज़ा करने के लिए अपनी क्षमताओं को और विकसित कर रही है।” उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तैनात रहेगा और कम्युनिस्ट चीन की आक्रामकता को रोकता रहेगा।
US-China In Indo-Pacific Region : ताइवान पर हमले की फिराक में चीन…ट्रंप ने दी ड्रैगन को चेतावनी
पीट हेगसेथ ने चीन पर साइबर हमले करने, पड़ोसी देशों को परेशान करने और दक्षिण चीन सागर में अवैध सैन्य निर्माण को लेकर विवाद पैदा करने का आरोप लगाया है। उल्लेखनीय है कि वैश्विक समुद्री व्यापार का 60 प्रतिशत हिस्सा दक्षिण चीन सागर से होकर गुजरता है। एक अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण पहले ही इस मामले में चीन के व्यापक क्षेत्रीय दावों को अवैध घोषित कर चुका है।
चीन कई बार दुनिया को बता चुका है कि ताइवान पर उसका हक है और वो उसे चीन से मिलाकर रहेगा। फिर चाहे इसके लिए ताकत का इस्तेमाल करना पड़े। अपने इसी मकसद को पूरा करने के लिए चीन ताइवान के चारों ओर बड़े पैमाने पर और तेजी के साथ मिलिट्री ड्रिल्स कर रहा है, जिसके अमेरिकी अधिकारी एक घेराबंदी या हमले की तैयारी मानते हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि चीन ने शांगरी-ला डायलॉग 2025 में अपने शीर्ष अधिकारियों को न भेजकर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधियों को भाग लेने के लिए भेजा।
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