कृपया धैर्य रखें।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने राज्यसभा में अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे पर कहा कि अंतिम जांच रिपोर्ट आने तक निष्कर्ष पर पहुंचना ठीक नहीं है। AAIB निष्पक्ष जांच कर रही है। उन्होंने बताया कि विमान के ब्लैक बॉक्स को पहली बार देश में डिकोड किया गया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने राज्यसभा में अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे से जुड़े सवालों पर जवाब देते हुए कहा कि हादसे से जुड़ी अंतिम जांच रिपोर्ट आने तक किसी निष्कर्ष पर पहुंचना ठीक नहीं है। सभी को धैर्य के साथ अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए। हादसे की जांच कर रही एएआईबी (एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टीगेशन ब्यूरो) एक निष्पक्ष एजेंसी है जो निर्धारित अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकाल के अनुसार अपना काम कर रही है।
नायडू ने दावा किया कि विमान के ब्लैक बॉक्स को पहली बार देश में ही डिकोड किया गया है। इससे पहले इसे डिकोड करने विदेश भेजा जाता था। मानसून सत्र के लिए पहले दिन ही सोमवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान अहमदाबाद विमान हादसे से जुड़े सवालों की जमकर बौछार की गई है। एक घंटे के प्रश्नकाल में करीब 50 मिनट तक हादसे से जुड़े सवाल व जवाब ही हुए। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही ओर से सांसदों ने इस दौरान अपने तीखे सवाल किए।
सवालों की शुरूआत भाजपा सांसद अशोक चव्हाण ने की और पूछा हादसे के पीछे क्या कारण थे। फ्यूल स्विच बंद होना इसका कारण था या फिर कोई इलेक्टि्रकल फेल्योर इस हादसे का कारण था। कितने बोईंग ड्रीम लाइनर( 787) विमानों की जांच की गई। कितने ग्राउंडेड किए गए। वहीं आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा ने विमानों के रखरखाव के तय नियमों का पालन करने और डीजीसीए में खाली पदों पर सवाल उठाए।
केंद्रीय मंत्री नायडू ने इस सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हम सच्चाई के साथ खड़े रहना चाहते हैं। हम जानना चाहते हैं कि वास्तव में क्या हुआ था और यह तभी सामने आएगा जब अंतिम रिपोर्ट आएगी। हमें जांच प्रक्रिया का सम्मान करना होगा।
एक सवाल के जवाब में नायडू ने कहा कि जांच टीम में पायलट, विषय विशेषज्ञ सहित उद्योग जगत से जुड़े विशेषज्ञों को भी रखा गया है। रही बात प्रारंभिक रिपोर्ट को जारी करने की टाइमिंग पर तो इसे सुविधानुसार जारी किया जाता है। इसके पीछे किसी तरह का कयास लगाने की जरूरत नहीं है।
नायडू ने कहा कि देश के पास बहुत ही मजबूत विमानन सुरक्षा तंत्र है। इसी मजबूत तंत्र के जरिए देश में हर दिन करीब साढ़े तीन हजार विमान संचालित होते है, जिनसे करीब पांच लाख यात्री हर दिन सुरक्षित सफर कर रहे है। देश के मौजूदा समय में 160 से अधिक हवाई अड्डे है जहां से विमानों का संचालन किया जा रहा है। विमान हादसे को लेकर एएआईबी की जो भी अंतिम रिपोर्ट आएगी उसे वह भविष्य में जरूर अपनाएंगे।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) में कर्मचारियों के कमी और खाली पदों से जुडे सवाल पर नायडू ने कहा कि पदों का खाली होनेा और भरना एक एक सतत प्रक्रिया है। पिछले वर्ष ही इनमें 103 पद भरे गए थे। इस वर्ष अक्टूबर के अंत तक डीजीसीए में 190 पदों पर भर्ती करने की योजना है। इनमें से अधिकांश पदों को दो वर्ष पहले ही सृजित किया गया था। एक सवाल के जवाब में नायडू ने हादसे में मारे गए यात्रियों के साथ ही मेडिकल छात्रों व दूसरे सभी लोगों को समान मुआवजा और सहायता दी गई है।
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