Camcopter S-100 drone features: कैमकॉप्टर एस-100 ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे उड़ान भरने के लिए किसी रनवे की जरुरत नहीं पड़ती है. यह हेलीकॉप्टर की तरह उड़ान भरने में सक्षम है.
Camcopter S-100 drone Philippines India: भारत न केवल अपनी सुरक्षा के लिए आधुनिक हथियारों और एडवांस टेक्नोलॉजी से खुद को लैस कर रहा है. बल्कि चीन जैसी बढ़ती ताकत का मुकाबला करने के लिए अपने मित्र देशों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर भी खड़ा है. ऐसे में, भारतीय नौसेना के युद्धपोतों ने फिलीपींस के तट पर अपनी यात्रा के दौरान, फिलीपींस की नौसेना को भारत में असेंबल किए गए कैमकॉप्टर एस-100 ड्रोन का प्रदर्शन किया. ये ड्रोन समुद्री निगरानी और टोही मिशनों में बेहद कारगर हैं, जो फिलीपींस की नौसेना के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकते हैं.
क्या है कैमकॉप्टर एस-100 यूएवी?
कैमकॉप्टर एस-100 एक वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग (VTOL) यूएवी यानी ड्रोन है. जिसे मुख्य रूप से निगरानी और टोही मिशनों के लिए डेवलप किया गया है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे किसी रनवे की जरूरत नहीं होती और यह हेलीकॉप्टर की तरह ही कहीं से भी उड़ान भर सकता है और उतर सकता है.
साथ ही, यह 220 किमी प्रति घंटे की रफ्तार व 18000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम है. वहीं, इन ड्रोनों को भारत में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा असेंबल किया गया है, जो मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत कैंपेन का एक बड़ा हिस्सा है. साथ ही, यह दिन और रात दोनों में काम कर सकता है और कई तरह के सेंसर ले जा सकता है, जिससे यह समुद्री निगरानी, दुश्मन के जहाजों का पता लगाने और तटीय सुरक्षा में बेहद प्रभावी है.
फिलीपींस के लिए क्यों है यह इतना खास?
फिलीपींस दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ चल रहे समुद्री विवाद को लेकर तनाव में है. चीन इस क्षेत्र में अपनी नौसेना और तटरक्षक बल के जरिए लगातार दबाव बना रहा है. ऐसे में, फिलीपींस को अपनी समुद्री निगरानी क्षमताओं को बढ़ाने की सख्त जरूरत है. कैमकॉप्टर एस-100 जैसे यूएवी फिलीपींस की नौसेना को बिना किसी जोखिम के दूर से ही अपने समुद्री क्षेत्र की निगरानी करने की क्षमता देंगे. यह फिलीपींस के लिए अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है.
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका
भारतीय नौसेना का फिलीपींस को इस तरह की अत्याधुनिक तकनीक का प्रदर्शन करना एक बड़ा रणनीतिक कदम है. ऐसे में, स्पष्ट है कि भारत अब हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रदाता के रूप में उभर रहा है. भारत अपने मित्र देशों के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाकर, चीन के बढ़ते प्रभाव का एक प्रभावी संतुलन बनाना चाहता है.
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