अमेरिका द्वारा भारत के रूसी तेल आयात को लेकर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने के फैसले पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत के अगले संभावित कदम के बारे में भी बताया। उन्होंने इसे दोहरा मापदंड करार देते हुए कहा कि इससे भारतीय उत्पाद अमेरिका में असहनीय रूप से महंगे हो जाएंगे और भारत-अमेरिका रिश्तों पर असर पड़ेगा।
थरूर ने सवाल उठाया कि चीन भारत से अधिक रूसी तेल आयात कर रहा है, फिर भी अमेरिका ने चीन को 90 दिन की छूट दी है, जबकि भारत पर तत्काल प्रभाव से टैरिफ लागू कर दिया गया। न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में थरूर ने कहा, “यूरेनियम, पैलेडियम जैसे कई उत्पाद अमेरिका रूस से आयात कर रहा है। फिर भी भारत को टारगेट किया गया। यह किसी दोस्त देश की दोस्ती जैसी नहीं लगती।”
थरूर ने चेताया कि इससे भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों में खटास आ सकती है और भारत में अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी टैरिफ लगाने की मांग उठ सकती है। उन्होंने कहा, “अब भारत में भी दबाव होगा कि अमेरिका के निर्यात पर समान टैरिफ लगाए जाएं। हमें अब अन्य व्यापारिक साझेदारों की ओर देखना होगा।”
थरूर ने यह भी बताया कि अमेरिकी बाजार में अब भारतीय वस्तुएं 50% टैरिफ के कारण महंगी हो जाएंगी, जिससे पाकिस्तान (19%), बांग्लादेश (20%), वियतनाम (20%) जैसे देशों से प्रतिस्पर्धा में भारत पिछड़ सकता है। उन्होंने कहा, “लोग सबसे सस्ती चीज की ओर रुख करेंगे और यह टैरिफ हमारी कीमतों को ऊपर ले जाएगा।”
टैरिफ वॉर के बीच PM का बयान
वहीं, आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी क्षेत्र से जुड़े लोगों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा और इसके लिए वह कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं। मोदी ने कहा, ‘‘हमारे लिए किसानों का हित सर्वोपरि है। भारत किसानों, मछुआरों और डेयरी क्षेत्र से जुड़े लोगों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। मेरा मानना है कि मुझे व्यक्तिगत रूप से इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी और मैं इसके लिए तैयार हूं।’’ उनका यह बयान ट्रंप के टैरिफ वार के बीच आया है।
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