Pakistani Spy Arrested: दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने कहा, “सितंबर 2024 में स्पेशल सेल/एनडीआर को एक सूत्र से सूचना मिली थी कि भारतीय मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल पाकिस्तान खुफिया एजेंसियों (पीआईओ) द्वारा भारत में जासूसी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है.
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Pakistani Spy Arrested: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शनिवार को पाकिस्तान खुफिया गुर्गों (PIO) को भारतीय सिम कार्ड सप्लाई करने के आरोप में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया. पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए व्यक्ति की पहचान राजस्थान के डीग जिले के निवासी हसीन (42) के रूप में हुई है. स्पेशल सेल के मुताबिक, आरोपी कासिम का बड़ा भाई है, जिसे दो दिन पहले इसी आरोप में पकड़ा गया था.
अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी हसीन करीब 15 साल पहले पाकिस्तान गया था, क्योंकि उसके रिश्तेदार वहीं रहते हैं. फिलहाल, वह करीब 4-5 साल से आईएसआई अधिकारियों के संपर्क में है. अगस्त 2024 में उसने कासिम के जरिए पाकिस्तान को सिम कार्ड भेजे थे एक सिम कार्ड उसके नाम पर है और इसका इस्तेमाल पीआईओ करता था. पूछताछ में पता चला कि उसने पीआईओ को संवेदनशील सैन्य प्रतिष्ठानों की तस्वीरें भेजी थीं और इसके बदले पैसे लिए थे.
अधिकारियों ने क्या कहा?
अधिकारियों ने बताया कि उसने पाकिस्तान में व्हाट्सएप को सक्रिय करने की क्षमता के साथ ओटीपी भी प्रदान किया. पुलिस ने बताया कि उसके आईएसआई संचालकों ने उसके छोटे भाई कासिम, उसके बहनोई और बहन के लिए पाकिस्तानी वीजा दिलाने में भी उसकी मदद की, जब वे अगस्त 2024 में पाकिस्तान गए थे. हसीन को देश भर में जासूसी के उसके नेटवर्क के बारे में गहन जांच के लिए पुलिस हिरासत रिमांड प्राप्त करने के लिए अदालत में पेश किया जा रहा है. आगे की जांच जारी है. इससे पहले 29 मई को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों (पीआईओ) को भारतीय सिम कार्ड सप्लाई करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. आरोपी की पहचान राजस्थान के भरतपुर जिले के निवासी कासिम के रूप में हुई है.
दो बार पाकिस्तान जा चुका है आरोपी
अधिकारियों के मुताबिक, वह दो बार पाकिस्तान जा चुका था और उसके आईएसआई एजेंटों से संबंध पाए गए थे. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपी कासिम सितंबर 2024 में रेलवे के विशेष प्रकोष्ठ और उत्तरी डिवीजन (एनडीआर) द्वारा प्राप्त गुप्त खुफिया सूचनाओं के विकास के दौरान सामने आया था. इन सूचनाओं से संकेत मिलता है कि भारतीय सेना और प्रमुख सरकारी कार्यालयों से संबंधित संवेदनशील जानकारी निकालने के उद्देश्य से, पाकिस्तानी खुफिया कर्मियों द्वारा भारतीय नागरिकों से व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क करने के लिए भारतीय मोबाइल नंबरों का दुरुपयोग किया जा रहा था. जांच के दौरान, अधिकारियों ने पाया कि कासिम ने दो अलग-अलग मौकों पर पाकिस्तान की यात्रा की थी, पहली बार अगस्त 2024 में और फिर मार्च 2025 में। वह कुल मिलाकर लगभग 90 दिनों तक वहां रहा और इन यात्राओं के दौरान पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के सदस्यों से मिलने का संदेह है.
दिल्ली पुलिस ने क्या कहा?
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने कहा, “सितंबर 2024 में स्पेशल सेल/एनडीआर को एक सूत्र से सूचना मिली थी कि भारतीय मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल पाकिस्तान खुफिया एजेंसियों (पीआईओ) द्वारा भारत में जासूसी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है. ये सिम कार्ड कुछ भारतीयों द्वारा पाकिस्तान भेजे जा रहे हैं. गुप्त सूचना के विकास के दौरान एक नाम कासिम निवासी भरतपुर, राजस्थान सामने आया था. यह भी पाया गया कि कासिम दो बार पाकिस्तान गया था, पहली बार अगस्त 2024 में और दूसरी बार मार्च 2025 में और वहां करीब 90 दिनों तक रहा और आईएसआई के लोगों से भी मिला था.”
व्हाट्सएप को लेकर बड़ा खुलासा
उन्होंने आगे कहा, “व्हाट्सएप पर इन सिम का उपयोग करके, पीआईओ भारतीयों के साथ सेना और अन्य सरकारी कार्यालयों से संबंधित संवेदनशील प्रतिष्ठानों की संवेदनशील जानकारी निकालने के लिए संवाद कर रहे थे. इस संबंध में कानून की उपयुक्त धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. आज, 29.05.25 को कासिम को गिरफ्तार कर लिया गया है और वह पुलिस रिमांड पर है. पीआईओ और उनके भारतीय सहयोगियों द्वारा जासूसी की साजिश का पता लगाने के लिए आगे की जांच चल रही है.”
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