हमारा देश काफी तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। अब पूरी दुनिया हमारी आर्थिक ताकत को काफी गंभीरता से ले रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था जैसे-जैसे मजबूत हो रही है, वैसे ही शेयर बाजार में नए-नए निवेशक एंट्री कर रहे हैं। ये निवेशक अधिकतर युवा होते हैं, जो उम्मीदों और आत्मविश्वास से भरे होते हैं और कई बार थोड़ा आक्रामक भी होते हैं। उनका सपना होता है कि वो जल्दी अमीर बनें।
अक्सर नया निवेशक मार्केट के मौजूदा ट्रेंड के पीछे भागता है और सोचता है कि वह जल्दी मुनाफा कमा लेगा, लेकिन ऐसा करते हुए कई बार उसे नुकसान उठाना पड़ता है। वही, सही जानकारी और समझदारी के साथ निवेश किया जाए तो इसमें फायदा भी हो सकता है। इसका उदाहरण वॉरेन बफेट ने सिर्फ 11 साल की उम्र में निवेश करना शुरू किया था और आज वे अरबों डॉलर की संपत्ति के मालिक हैं। हर नए निवेशक को उनसे कुछ न कुछ जरूर सीखना चाहिए और उनके अनुभव से 5 ऐसी अहम बातें निकलती हैं जिन्हें जानना हर शुरुआत करने वाले के लिए बेहद जरूरी है, आइए जानते हैं….
क्या आप कभी भारतीय मार्केट की हल-चल देखकर घबरा जाते हैं? क्या आपको बड़ी गिरावट पर शेयर खरीदने या किसी नए ट्रेंड से फायदा उठाने का मन करता है? याद है जब पिछले वर्ष सेंसेक्स 85,000 अंक से ऊपर चला गया था? तब हर कोई ऑनलाइन शॉपिंग जैसे चलन में आए सेक्टरों की बात कर रहा था। ऐसे माहौल में नए निवेशक उलझन में पड़ सकते हैं। तभी वॉरेन बफेट जैसी सोच मदद करती है,
‘एक अच्छी कंपनी को उचित मूल्य पर खरीदना, एक अच्छी कंपनी को अद्भुत मूल्य पर खरीदने से कहीं बेहतर है।’
बफेटट का मतलब है कि हमें ऐसी कंपनियां ढूंढनी चाहिए जो मजबूत हैं, अच्छा मुनाफा कमा रही हैं, होशियार लोगों द्वारा चलाई जा रही हैं और स्थिर रूप से आगे बढ़ रही हैं… न कि वे कंपनियां जो सिर्फ चर्चा में हैं और ज्यादा दाम पर बिक रही हैं।
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मार्केट आपको लगभग हमेशा तनाव में रख सकता है। कभी ग्लोबल खबरें तो कहीं राजनीतिक उथल-पुथल। कोई आश्चर्य नहीं कि अधिकतर लोग हर गिरावट पर घबराकर लगातार अपना फोन चेक करते रहते हैं। लेकिन अगर कभी आपका भी ऐसा सामना हो, तो बफेट के इन शब्दों को अपने ज़हन में उतार लीजिए,
‘आज कोई व्यक्ति छाया में बैठा है क्योंकि किसी ने बहुत समय पहले एक पेड़ लगाया था।’
निवेश करने के लिए पैसे उधार लेने के जाल में न फसें। यह तब तक समझदारी भरा लग सकता है जब तक कि यह दुनिया का सबसे बुरा विचार न लगने लगे। बफेट कहते है,
‘मैंने शराब और लीवरेज के कारण अधिक लोगों को असफल होते देखा है… लीवरेज का मतलब है उधार लिया गया पैसा।’
कल्पना कीजिए कि आपने बिना कुछ सोचे-समझे किसी में निवेश किया और आपको नुकसान उठाना पड़ा। क्या आपने ऐसा किया है? याद कीजिए बफेट ने क्या कहा था,
‘रिस्क तब आता है जब आपको पता ही नहीं होता कि आप क्या कर रहे हैं।’
देश में 2025 तक जहां हर महीने 100 से अधित स्टार्टअप लॉन्च हो रहे हैं, यह रोमांचकारी है, लेकिन बिना तैयारी के यह एक सट्टा बन सकता है और आपको यह सबक सीखने के लिए नुकसान उठाने की जरूरत नहीं है। ये सबक आप दूसरों से भी सीख सकते हैं।
थोड़ा वक्त निकालें। हेल्थ सर्विसेज जैसे सेक्टर की कमाई का विश्लेषण करें। मुनाफे के रुझान और कंपनी के प्रदर्शन पर कड़ी नजर रखें। किसी स्टार्टअप के आईपीओ से पहले , खुद से पूछें: क्या इसमें दम है? बफेट की सलाह पर भरोसा करें, “सोचो जैसे आपके पास ज़िंदगीभर में केवल 20 निवेश फैसलों की छूट है और हर बार आपको सोच-समझकर ही पंच करना है।” आप इस सोच से हर बार बहुत सोच-समझकर फैसला लेंगे।
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वॉरेन बफेट कहते हैं, ‘शेयर मार्केट अधीरता से धैर्यवान लोगों के पास पैसा पहुंचाने के लिए डिजाइन किया गया है।’ बफेट के शब्द उन निवेशकों को शांत रहने में मदद कर सकते हैं जो आम तौर पर छोटी-छोटी बातों पर परेशान हो जाते हैं। 2025 बीएसई डेटा के अनुसार, भारत में हममें से 30% लोग डेली ट्रेड करते हैं।
[डिस्क्लेमर: ये आर्टिकल केवल जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से निवेश सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। Jansatta.com अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।]
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