भारत के खिलौनों से खेले दुनिया सारी! चीन की घटेगी हिस्सेदारी, टॉय इंडस्ट्री को गदगद करने वाली रिपोर्ट – Zee News Hindi

Trending Photos
India Toy Industry: सीमा पर चीन के साथ विवाद बढ़ने के साथ लोगों ने चाइनीज प्रोडक्ट का बहिष्कार करना शुरू कर दिया. चीनी प्रोडक्ट्स के बहिष्कार ने भारतीय कंपनियों को बल दिया और धीरे-धीरे मेड इन इंडिया प्रोडक्ट्स की मैन्यूफैक्चरिंग और डिमांड बढ़ने लगी. एक दौर था, जब भारत में चाइनीज खिलौना का बोलबाला था, लेकिन अब स्थिति बदल गई है. भारत का टॉय प्रोडक्ट्शन और एक्सपोर्ट दोनों बढ़ रहा है.  

खिलौने का बढ़ रहा कारोबार  

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत का तेजी से बढ़ता खिलौना उद्योग वैश्विक खिलौना बाजार में एक बड़ा हिस्सा हासिल करने के लिए तैयार है, जिसे लेकर अनुमान है कि यह 2032 तक 179.4 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि खिलौना उद्योग में वृद्धि स्किल डेवलपमेंट, टेक्नोलॉजी अडॉप्शन, क्वालिटी सुधार के साथ-साथ सरकार के सहयोग की वजह से देखी जा रही है.  

यह व्यापार के आंकड़ों में दिखाई देता है, जो दर्शाता है कि भारत का खिलौना आयात वित्त वर्ष 2018-19 में 304 मिलियन डॉलर से 79 प्रतिशत तक घटकर वित्त वर्ष 2023-24 में 65 मिलियन डॉलर हो गया है.  इस बीच, इसी अवधि के दौरान निर्यात में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 109 मिलियन डॉलर से बढ़कर 152 मिलियन डॉलर हो गया है. नतीजतन, भारत खिलौनों का शुद्ध निर्यातक बन गया है.  
हाल के वर्षों में घरेलू विनिर्माण को मजबूत करने में सरकारी नीति ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और केंद्रीय बजट 2025-26 में खिलौना उद्योग के लिए नेशनल एक्शन प्लान की घोषणा इस क्षेत्र के महत्व को दर्शाती है. एक्शन प्लान का उद्देश्य खिलौना उद्योग को क्लस्टर डेवलपमेंट, स्किल को बढ़ाने और ‘मेड इन इंडिया’ ब्रांड के तहत हाई-क्वालिटी वाले खिलौनों के उत्पादन के लिए एक मजबूत मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम बनाने के जरिए बढ़ावा देना है.  

रिपोर्ट बताती है कि 2020 में क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर (क्यूसीओ) के कार्यान्वयन ने खिलौनों के लिए सख्त गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित किया. इसके अतिरिक्त, सरकार ने फरवरी 2020 में आयात शुल्क को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत और मार्च 2023 में 70 प्रतिशत कर दिया. इन उपायों ने घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देते हुए खिलौनों के आयात को काफी कम कर दिया है.  
रिपोर्ट उद्योग के अनुमानों के अनुरूप है, जो दिखाते हैं कि उद्योग का वर्तमान बाजार आकार 1.7 बिलियन डॉलर है और 10.5 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर के साथ इसके 2032 तक 4 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. आत्मनिर्भरता, क्वालिटी सुधार और मजबूत मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम की दिशा में निरंतर प्रयास के साथ भारत का खिलौना उद्योग वैश्विक विस्तार के लिए अच्छी स्थिति में है.  
इस क्षेत्र का विकास न केवल अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है, बल्कि भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के दृष्टिकोण के साथ भी जुड़ा है. उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, भारतीय खिलौना उद्योग ने अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, नीदरलैंड, डेनमार्क और यहां तक ​​कि चीन सहित 100 से अधिक देशों में अपनी वैश्विक उपस्थिति का विस्तार किया है और खिलौना निर्माताओं के लिए अगला कदम ऑनलाइन माध्यमों के प्रभावी उपयोग के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ताओं तक पहुंचना है.  
उन्होंने आगे कहा कि खिलौना उद्योग के लिए एक बेहतर इकोसिस्टम बनाने की अपनी मजबूत प्रतिबद्धता के साथ भारत सरकार ने इसे एक चैंपियन सेक्टर के रूप में पहचाना है, जिसमें ‘मेड इन इंडिया’ खिलौनों के लिए वैश्विक बाजार बनाने की दीर्घकालिक दृष्टि है. आईएएनएस
Thank you
By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device to enhance site navigation, analyze site usage, and assist in our marketing efforts.

source.freeslots dinogame telegram营销

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Toofani-News