पहलगाम हमले के बाद भारत में सुरक्षा को लेकर बड़ी बैठकें हुईं, वहीं पाकिस्तान ने PoK की सभी उड़ानें रद्द कर दीं. पीएम मोदी ने CCPA और CCS की आपात बैठकें बुलाईं. पाकिस्तान को डर है कि भारत सैन्य कार्रवाई कर सकता है.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की राजनीतिक और सुरक्षा गतिविधियां तेज हो गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में ‘कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स’ (CCPA) और ‘कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी’ (CCS) की हाई-लेवल बैठकें हुईं, जिनमें जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर चर्चा हुई. इस बीच पाकिस्तान ने PoK के स्कर्दू और गिलगिट के लिए सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, यह कदम भारत के संभावित जवाबी सैन्य कार्रवाई के डर से उठाया गया है. वहीं, जांच एजेंसियां आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान आधारित गुट की भूमिका की पड़ताल कर रही हैं.
पीएम मोदी ने ली कैबिनेट कमेटी की बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दो अहम बैठकें कीं, जिनमें से पहली ‘कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स’ (CCPA) थी. यह समिति देश के सबसे वरिष्ठ मंत्रियों की ‘सुपर कैबिनेट’ मानी जाती है. पिछली बार यह बैठक 2019 में पुलवामा हमले के बाद हुई थी, जब भारत ने बालाकोट एयरस्ट्राइक की थी.
इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल हुए. इसके बाद प्रधानमंत्री ने ‘कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी’ (CCS) की बैठक भी बुलाई, जिसमें जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति और संभावित जवाबी कार्रवाई पर चर्चा की गई.
PIA ने PoK में रद्द की उड़ानें
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) ने बुधवार को स्कर्दू और गिलगिट के लिए सभी कमर्शियल उड़ानों को रद्द कर दिया. पाकिस्तानी अखबार ‘जंग’ और ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह कदम भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई के डर से उठाया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया कि सुरक्षा कारणों से गिलगिट और स्कर्दू के लिए कराची, लाहौर और इस्लामाबाद से चार उड़ानों को रद्द किया गया है. साथ ही, पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया कि यह एक ‘एहतियाती कदम’ है ताकि हवाई क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह प्रतिबंध अस्थायी है या लंबे समय तक रहेगा.
NIA की जांच जारी, एक्शन की तैयारी?
पाकिस्तान हर ओर से घबराया हुआ है. शहबाज और मुनीर की तिलमिलाहट साफ नजर आ रही है. ऐसे में, भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और खुफिया विभाग इस हमले की गहराई से जांच कर रहे हैं. शुरुआती रिपोर्ट्स में सामने आया है कि दो आतंकी पाकिस्तान के नागरिक थे और हमले की साजिश सीमा पार से रची गई थी. जांच में यह भी सामने आया है कि हमले को अंजाम देने वाले आतंकी धार्मिक पहचान पूछकर टूरिस्ट्स को निशाना बना रहे थे.
सरकारी सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार किसी भी संभावित जवाबी कार्रवाई के विकल्पों पर विचार कर रही है. इसमें राजनयिक, सैन्य और जल-संबंधी फैसले भी शामिल हो सकते हैं. इसको लेकर सभी संबंधित मंत्रालयों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
TRF ने आतंकी हमले की ली है जिम्मेदारी
पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान आधारित ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है. यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है और पहले भी भारत में आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है. हमले के बाद कश्मीर घाटी और देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा देखा गया. स्थानीय लोगों ने आतंकवाद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए और पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की. इस हमले को वैश्विक स्तर पर भी कड़ी निंदा मिली है.
ये भी पढ़ें- 1965 वॉर, कंधार हाईजैक से कारगिल, बालाकोट एयरस्ट्राइक तक की दास्तान; जानें CCS ने कब-कब लिए इतिहास बदलने वाले फैसले?
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.