भारत हद निर्धारित करना जानता है… हिंद महासागर में सीमा लांघ रहे चीन को नौसेना प्रमुख ने चेताया – Zee News Hindi

New Delhi News: नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने शुक्रवार को कहा कि चीन पिछले कुछ दशकों में हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाता रहा है. उसकी कई पोत किसी भी समय वहां मौजूद रहते हैं. लेकिन भारत हद निर्धारित करना जानता है. 
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New Delhi News: भारत लगातार हिंद महासागर में अपनी मजबूती पर लगा है. इसे लेकर नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने शुक्रवार को कहा कि चीन पिछले कुछ दशकों में हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाता रहा है और उसकी सेना के छह-आठ पोत किसी भी समय वहां मौजूद रहते हैं. लेकिन भारत हद निर्धारित करना जानता है, जो आधी से अधिक लड़ाई जीतने के बराबर है. इसके अलावा उन्होंने क्या कुछ कहा आइए जानते हैं. 

युद्धपोत तैनात रखती है
उन्होंने कहा कि भारत ने चीन को किसी भी ऐसी जगह पर नहीं आने दिया है, जहां ‘‘हम नहीं चाहते कि वह आए. उन्होंने कहा, ‘‘चीन पिछले कुछ दशकों से हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में अपनी मौजूदगी बढ़ाता रहा है, न केवल महासागरों में बल्कि ज़मीन पर भी. साथ ही पीएलए नौसेना, जो अब संख्या के हिसाब से सबसे बड़ी नौसेना है, समुद्री डकैती के खत्म हो जाने के बावजूद आईओआर में किसी भी समय 6-8 बहुत सक्षम युद्धपोत तैनात रखती है. नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘बहुत सारी चीजें घटित हो रही हैं.

कौन कहां जाएगा
अच्छी बात यह है कि भारतीय नौसेना के रूप में हम पूरी तरह से जानते हैं कि क्या हो रहा है, कौन क्या कर रहा है, कहां और क्यों कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारत को समुद्री क्षेत्र में ऐसी निगरानी क्षमता प्राप्त है, जहां मानवयुक्त और मानवरहित दोनों प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जा रहा है, साथ ही अंतरिक्ष आधारित निगरानी और विभिन्न एजेंसियों के साथ अंतरराष्ट्रीय संबंध भी हैं, जिनके माध्यम से सूचनाएं प्राप्त की जाती हैं. एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, ‘‘और यह आधी से अधिक लड़ाई जीत लेने जैसा है, क्योंकि हम जानते हैं कि कौन कहां जाएगा. 

इतिहास बन चुका है
उन्होंने कहा कि चीन दावा करता है कि उसके जहाज समुद्री डकैती रोधी अभियान के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में हैं. नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘हिंद महासागर क्षेत्र में आने का उनका प्रारंभिक बहाना यह था कि वे समुद्री डकैती रोधी लड़ाई लड़ रहे हैं. लेकिन वह सब इतिहास बन चुका है. इसके अलावा, वह बड़ी संख्या में अनुसंधान पोत भी वहां तैनात कर रहा है.  उन्होंने कहा, ‘‘हम फिर से जानते हैं कि वे क्या कर रहे हैं. उपग्रह निगरानी पोत, गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले पोत, हम सभी जानते हैं कि वे कुछ ऐसा कर रहे हैं जो उन्हें नहीं करना चाहिए, जैसे कि गैर-कानूनी, अनियमित रूप से मछली पकड़ना लेकिन हम यह सब नहीं रोक सकते.
हमें कोई नुकसान न पहुंचे
नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारत केवल यह सुनिश्चित कर सकता है कि चीन ‘‘हमारे हित वाले क्षेत्रों’’में कुछ भी न करे. उन्होंने कहा, ‘‘और हम यह काम बहुत प्रभावी ढंग से कर रहे हैं. हमने उन्हें ऐसी जगह नहीं आने दिया है, जहां हम नहीं चाहते कि वे आएं.  एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि चीन दो दशकों से अधिक समय से पाकिस्तान को समुद्री उपकरण और प्रणालियों की आपूर्ति कर रहा है.  नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘वर्ष 2009 से चीन ने पाकिस्तान को तीन फ्रिगेट, एफ-22, टाइप 054 इनमें से चार की आपूर्ति की है.  उन्होंने एक उपग्रह निगरानी पोत भी प्रदान किया है. एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से उस खतरे से अवगत हैं जो पनडुब्बियां हमारी समुद्री सुरक्षा और व्यापार के लिए उत्पन्न कर सकती हैं और हम साधन और उपाय तैयार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘भारत यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है कि चीन और पाकिस्तान के बीच इस समुद्री सांठगांठ के कारण हमें कोई नुकसान न पहुंचे. (भाषा)

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