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6 अगस्त को हिरोशिमा डे मनाया जाता है. क्योंकि, इसी दिन 80 साल पहले यहां परमाणु बम गिराया गया था और इसके दो दिन बाद 9 अगस्त को जापान के दूसरे शहर नागासाकी पर भी एक एटम बम गिराया गया. ऐसे में इस त्रासदी के 80 साल बाद एक गुप्त रिपोर्ट सामने आई है, जिसे ब्रिटिश सरकार ने तब तैयार किया था, जब उन्हें आशंका थी कि हिरोशिमा की तरह ही अगर लंदन पर एटम बम गिराया गया तो क्या होगा?
हिरोशिमा की तरह अगर लंदन में परमाणु बम गिराए जाते तो क्या होता. 1945 के एक पुराने सीक्रेट रिपोर्ट सामने आने के बाद तबाही का एक अलग ही चित्र दिखाया गया है. लंदन में परमाणु विस्फोट के प्रभाव का जो अनुमानि मैप बनाया गया है, उसमें परिणाम तो भयावह बताए गए हैं, लेकिन हिरोशिमा और नागासाकी से कम तबाही बताई गई है.
डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, पुराने सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, अगर लंदन पर हिरोशिमा में के आकार के परमाणु बम गिरा दिया जाए, तो ये शहर एक समतल बंजर भूमि बन जाएगा.
80 हजार लोग तुरंत मारे गए थे
अस्सी साल पहले हिरोशिमा विस्फोट ने आसपास के एक वर्ग मील के दायरे में सब कुछ नष्ट कर दिया था. इससे लगभग 80,000 लोग तुरंत मारे गए थे और अगले 48 घंटों में 30,000 और लोग मारे गए थे.
इसके बाद 1945 में, ब्रिटेन सरकार इस बात से चिंतित हो गई थी कि अगला निशाना हम हो सकते हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने एक रिपोर्ट तैयार की कि अगर परमाणु बम लंदन पर गिरा तो क्या होगा?
हिरोशीमा पर परमाणु बम गिराने के बाद बनाई गई थी गुप्त रिपोर्ट
हाल ही में सामने आए उस समय के नक्शों से पता चलता है कि अगर ट्राफलगर स्क्वायर को निशाना बनाया जाता तो राजधानी रहने लायक नहीं रहती. क्लेमेंट एटली की सरकार के आधिकारिक चित्र उस प्रभाव को दर्शाते हैं जो 6 और 9 अगस्त, 1945 को हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर गिराए गए परमाणु बम के बराबर था.
इस पुराने सीक्रेट दस्तावेज में विस्फोट के प्रभाव को दर्शाने के लिए बनाए गए नक्शों के अनुसार, विस्फोट के केंद्र से 1,000 गज के दायरे में सब कुछ पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा. इसमें कोवेंट गार्डन, सेंट जेम्स पैलेस और व्हाइटहॉल भी शामिल हैं. इसके बाद, एक मील के दायरे में बकिंघम पैलेस, ब्रिटिश संग्रहालय और वेस्टमिंस्टर का शेष भाग शामिल होगा.
लंदन के सभी प्रमुख लैंडमार्क हो जाएंगे नेस्तनाबूद
सेंट पॉल कैथेड्रल, मार्बल आर्च, स्मिथफील्ड मार्केट, विक्टोरिया स्टेशन और विस्फोट के केंद्र से डेढ़ मील के भीतर की कोई भी जगह फिर से रिस्टोर करने लायक नहीं बचेगी.
खुफिया अधिकारियों द्वारा तैयार किया गया एक अलग नक्शा दिखाता है कि लंदन में पांच विस्फोटों से क्या होगा. इन विस्फोटों में ट्राफलगर स्क्वायर, पॉप्लर, प्रिमरोज़ हिल, हैमरस्मिथ और टूटिंग शामिल हैं. इसका नतीजा यह होगा कि लंदन पूरी तरह से बंजर हो जाएगा.
क्यों लंदन में हिरोशिमा और नागासाकी जितनी तबाही नहीं होती?
हिरोशिमा और नागासाकी की यात्रा के बाद जापान स्थित ब्रिटिश मिशन द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि लंदन में तबाही जापान जितनी भयानक नहीं होगी. अनुमान लगाया कि लंदन विस्फोट के बाद मरने वालों की संख्या 50,000 तक पहुंच सकती है, क्योंकि जनसंख्या घनत्व, घर बनाने की तकनीक और बेहतर बचाव सेवाएँ जैसे कारक मौजूद थे.
रिपोर्ट के लेखकों ने आगे कहा कि औसत ब्रिटिश शहरी परिस्थितियों में एक परमाणु बम से 50,000 लोगों की मौत का आंकड़ा संभवतः इस रिपोर्ट में सबसे महत्वपूर्ण है. रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 400,000 लोग बेघर हो जायेंगे. हालांकि, रिपोर्ट की प्रस्तावना में आशावादी ढंग से निष्कर्ष निकाला गया.
यह दर्शाता है कि परमाणु बम का सबसे गंभीर प्रभाव हताहतों की संख्या में वृद्धि है. गामा किरणों से होने वाले भयंकर परिणामों से बचाव और उनका उपचार करने की समस्या असाधारण रूप से गंभीर और कठिन है.
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