35 सेकंड के वीडियो में तबाही का मंजर, उत्तरकाशी में बह गई कार-बाइक, जानिए इंश्योरेंस का पैसा मिलेगा या नहीं? – आज तक

देश के कई राज्यों में भारी बारिश (Heavy Rainfall) से नदियां उफान पर हैं. इस बीच मंगलवार को उत्तराखंड के उत्तरकाशी में प्रकृति का भयावह रूप देखने को मिला. चंद सेकंड में ही सैकड़ों परिवार तबाह हो गए. घर-द्वार, धन-संपत्ति, कार-बाइक को प्रकृति ने अपने में समाहित कर लिया. 
वैसे तो उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं. लेकिन कल आई तबाही के वीडियो को जिसने भी देखा, वो अंदर से हिल गया. करीब 35 सेकंड में ही सबकुछ बह गया, और बचा तो केवल मलबा. उत्तराखंड ही नहीं, देश के दूसरे हिस्सों में भी बारिश कहर बरपा रही है. 
इन प्राकृतिक आपदाओं के चलते जहां जान-माल का नुकसान देखने को मिलता है, वहीं वाहनों के क्षतिग्रस्त होने की घटनाएं भी ज्यादा होती हैं. कल उत्तराकाशी में मलबे के साथ कार-बाइक बहती नजर आईं. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि अगर आपकी कार भी भारी बाढ़ में बह गई है या फिर बारिश के पानी में फंसकर खराब हो गई है, तो क्या इस नुकसान की भरपाई इंश्योरेंस (Motor Insurance) कंपनी करती है. 
इंश्योरेंस लेते समय बरती ये सावधानी, तो फायदे में रहेंगे 
बारिश के मौसम में सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें देखने को मिल जाती हैं, जिनमें बाढ़ के पानी में लग्जरी गाड़ियां बहती नजर आती हैं, या कहीं टूटे हुए पेड़ के नीचे दबीं दिखाई देती हैं. इन स्थिति में कार मालिक अपने नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी से तभी करा सकते हैं, जबकि मोटर इंश्योरेंस खरीदते समय उन्होंने कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखा हो. Motor Insurance खरीदते समय सिर्फ उसके चोरी होने या किसी कलपुर्जे में खराबी-टूटफूट के बारे में ही नहीं, बल्कि बाढ़ या बारिश से होने वाले नुकसान के बारे में भी सोचना जरूरी होता है. 
अगर आपने इंश्योरेंस खरीदते समय इस बात पर फोकस रखा है कि वो बारिश या बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए भी उपयुक्त है या नहीं. यानी आप ऐसा कार बीमा (Car Insurance) खरीदें, जिसमें भारी इंजन कवर भी शामिल हो. प्राकृतिक आपदा से इंजन सीज होने को हाइड्रोस्टेटिक लॉक कहते हैं. इस तरह के मामलों में बीमा कंपनियां क्लेम देने से बचती हैं. ऐसे में बीमा लेते समय इन प्राकृतिक आपदाओं में होने वाली छति को कवर करने वाले ऑप्शंस को जरूर चुनें. जिसे कॉम्प्रिहेंसिव मोटर इंश्योरेंस कहते हैं.
क्या होता है कॉम्प्रिहेंसिव मोटर इंश्योरेंस?
Motor Vehicle Act-1988 के मुताबिक, बाढ़, बारिश, आंधी-तूफान या किसी अन्य प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान ऑन डैमेज कवर में शामिल होते हैं. ऐसे में जब आप कार इंश्योरेंस लें, तो ऐसी बीमा पॉलिसी का चयन करें, जिसमें इंजन सुरक्षा एड-ऑन का ऑप्शन मिले. अगर आपने अपने वाहन के लिए कॉम्प्रिहेंसिव मोटर इंश्योरेंस (Comprehensive Motor Insurance) लिया है, तो आप आंधी, चक्रवात, तूफान और ओलावृष्टि, बारिश या फिर बाढ़ जैसी किसी भी प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान के लिए बीमा कंपनी से क्लेम कर सकते हैं.
अगर कार पूरी तरह बह गई और बरामद नहीं हुई, तो इसे ‘टोटल लॉस’ माना जा सकता है, और आपको पॉलिसी के अनुसार कार की इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (IDV) के बराबर राशि मिल सकती है. अगर आपके पास केवल थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस है, तो बाढ़ से कार के बहने या क्षतिग्रस्त होने पर क्लेम नहीं मिलेगा. यह पॉलिसी केवल तीसरे पक्ष को होने वाले नुकसान (जैसे दूसरी कार या व्यक्ति को चोट) को कवर करती है, न कि आपकी कार को.
ऑन डैमेज कवर के जरिए भरपाई 
कॉम्प्रिहेंसिव मोटर इंश्योरेंस में दो कॉम्पोनेंट होते हैं. एक ऑन डैमेज और दूसरा थर्ड पार्टी कवर. प्राकृतिक आपदाओं में वाहनों को होने वाले नुकसान की भरपाई ऑन डैमेज कवर में आती है. इसके जरिए बीमा कंपनी आपके नुकसान का पूरा भुगतान करती है. आमतौर पर देखने को मिलता है कि बारिश या बाढ़ के पानी में फंसी गाड़ियों को इंजन से लेकर उसकी बॉडी तक को भारी डैमेज हो सकता है, जो कि इसके जरिए कवर किया जा सकता है. बाजार में कई ऐसी बीमा पॉलिसी (Motor Insurance Policy) मौजूद हैं, जो इस तरह के डैमेज को कवर करती हैं. बस जरूरत है बीमा लेते समय आंख और कान खुले रखने की. फिर आप आसानी से नुकसान की भरपाई कर सकते हैं.
कैसे करें इंश्योरेंस क्लेम?
– अपने पॉलिसी नंबर का इस्तेमाल कर संबंधित बीमा कंपनी के टोल-फ्री नंबर पर क्लेम के लिए रजिस्टर करें.
– कंपनी की वेबसाइट से क्लेम फॉर्म डाउनलोड कर उसे भरें. सारे डॉक्यूमेंट जमा करें और क्लेम फॉर्म को सबमिट करें.
– क्लेम अप्लाई के बाद कंपनी सर्वेयर या वीडियो सर्वे से वाहन की जांच होगी. इस दौरान सभी दस्तावेज अपने पास रखें.
– वाहन का सर्वे पूरा होने पर सर्वेयर अपनी रिपोर्ट फाइल करेगा और ऐसा करने के बाद आपका इंश्योरेंस क्लेम आ जाएगा.
– आपको तुरंत इंश्योरेंस कंपनी को सूचित करना होगा और क्लेम प्रक्रिया शुरू करनी होगी. 
– घटना के सबूत, जैसे फोटो, वीडियो, या पुलिस FIR (अगर कार बह गई हो) जमा करने पड़ सकते हैं.

 
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