राज्य स्मार्ट मिशन में शामिल होने के बावजूद भी नहीं सुधरी हालत – inextlive

मेरठ । केंद्र की स्मार्ट सिटी योजना में मेरठ शामिल नहीं था। बावजूद इसके, साल 2019 में मेरठ को राज्य स्मार्ट सिटी मिशन में शामिल किया गया। अब इस योजना को छह साल बीत चुके हैं, लेकिन शहर में स्मार्टनेस जैसा कुछ भी नहीं है। ऐसा नहीं है कि निगम ने कार्य नहीं किया है, लेकिन प्लानिंग और प्रयास दोनों ही अपेक्षा अनुरूप रिजल्ट नहीं दे सके। स्वच्छता सर्वेक्षण में भी रैंक नहीं सुधर सकी। कई महत्वपूर्ण योजनाएं अनदेखी और लापरवाही की भेंट चढ़ गईं। हालत यह है कि कई योजनाएं स्मार्ट सिटी की फाइल में ही खो गईं। अब शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए कौन-कौन से प्रयास हो रहे हैं। कहां पर कमी है। इस मुद्दे पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट सात दिवसीय कैंपेन ‘स्मार्ट सिटी फाइल’ की शुरूआत कर रहा है। इस दौरान स्मार्ट सिटी से जुड़े बिंदुओं को टटोलने का प्रयास होगा।
छह साल में 250 करोड़ से अधिक खर्च
गौरतलब है कि साल 2019 में राज्य स्मार्ट सिटी में शामिल होने के बाद एक उम्मीद थी कि मेरठ में भी स्मार्ट सिटी जैसी सुविधाएं होंगी। बावजूद इसके, छह साल में नाम मात्र की योजनाएं ही धरातल पर आ सकीं। इसके बाद गत वर्ष 151 करोड़ के बजट से सात प्रमुख योजनाओं को हरी झंडी मिली थी, लेकिन अधिकतर योजनाओं की हालत इस कदर खराब है कि शहर की स्मार्टनेस पर ही धब्बा लगा दिया है। इनमें शहर के चौराहों से लेकर, सेल्फी पाइंट, ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, किडस गेम्स जोन, स्मार्ट रोड, अंडर ग्राउंड डस्टबिन, ओपन एयर जिम जैसी प्रमुख योजनाएं खस्ताहाल में हैं। इन योजनाओं पर पिछले छह साल में कई करोड़़ खर्च हो गए हैं। सिर्फ आइटीएमएस ( इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) जैसी परियोजना ही पूरी तरह से लागू हो पाई हैं। हालांकि, इस योजना का सिर्फ 20 प्रतिशत ही सिस्टम काम कर रहा है यानि ट्रैफिक लाइट काम कर रही है बाकी इमरजेंसी बटन, ऑनलाइन चालान जैसी प्रमुख व्यवस्थाएं महज कागजों में हैं।
पिछले साल सात योजनाओं को मिली हरी झंडी –
– सूरजकुंड में स्पोर्ट्स कांप्लेक्स और कमांड एंड कंट्रोल सेंटर
– कंट्रोल रूम से संचालित होने वाली पथ प्रकाश की व्यवस्था
– पेयजल सुविधाओं के लिए वाटर स्काडा सिस्टम
– मृत मवेशियों के निस्तारण के लिए माडर्न कारकस प्लांट
– कासिमपुर में नगर निगम का एक जोनल कार्यालय
– परतापुर में एक वूमेन वर्किंग हास्टल का निर्माण
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स्मार्ट सिटी की ये परियोजनाएं अभी तक अधूरी
– सूरजकुंड में स्पोर्ट्स कांप्लेक्स
– 10 स्थानों पर हेल्थ एटीएम
– 1.47 करोड़ रुपये हेल्थ एटीएम लगाने को शासन से मिले
– 4.96 करोड़ रुपये निगम के जोनल कार्यालय बनाने के लिए
– 45.99 करोड़ रुपये मल्टी लेवल कार पार्किंग के लिए
– 11.49 करोड़ रुपये मल्टी लेवल कार पार्किंग का निर्माण शुरू करने के लिए
– 12 स्थानों पर सूर्य नमस्कार के स्टैचू लगाए जाना
– 24 लाख रुपये कुल सूर्य नमस्कार के स्टेचू लगाने का बजट
– 1 सीनियर केयर सेंटर का निर्माण
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ट्रैफिक सुधार की योजना की स्थिति
– 7 चौराहों पर आइटीएमएस का काम हुआ पूरा।
– 2 तिराहे पर भी आइटीएमएस व्यवस्था है लागू।
– 38.05 करोड़ रुपये आइटीएमएस के लिए हुए थे मंजूर।
– 28.03 करोड़ रुपये शासन से अभी तक मिले।
स्मार्ट सिटी और स्वच्छता सर्वेक्षण दोनो के तहत अलग अलग प्रयास किए जा रहे हैं। कई काम तेजी से चल रहे हैं बाकी जहां जहां कमी है उनको सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।
– पंकज कुमार, अपर नगरायुक्त
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