बांग्लादेश में कट्टरपंथी नेता उस्मान हादी की हत्या के बाद ढाका सहित अन्य प्रमुख शहरों में हिंसा भड़क उठी. प्रदर्शनकारी लगातार हिंदू अल्पसंख्यक को निशाना बना रहे हैं और भारत विरोधी बातें कर रहे हैं. विदेश मामलों के एक्सपर्ट रोबिंदर सचदेव ने बांग्लादेश में बढ़ते भारत-विरोधी माहौल पर चिंता व्यक्त की और चेतावनी दी कि विदेशी एजेंसियां इस स्थिति का फायदा उठाकर दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव बढ़ा सकती हैं.
‘भारत को नुकसान पहुंचाने की फिराक में है बांग्लादेश’
न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर बांग्लादेश के नेताओं के बयान को चेतावनी बताया. उन्होंने कहा, ‘भारत के सेवन सिस्टर को लेकर पड़ोसी मुल्क से जो बयान सामने आ रहे हैं वह धमकियां हैं. बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति को देखकर ऐसा लगता है कि ये भारत को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं.’
रोबिंदर सचदेव ने कहा, ‘बांग्लादेश में पिछले साल हुए आंदोलन से निकले कुछ नेता बार-बार पूर्वोत्तर का जिक्र कर रहे हैं. ऐसा लगता है वे भारत से सभी संबंध तोड़ना चाहते हैं और हमें नुकसान पहुंचाने की फिराक में हैं.’ उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तान जैसे दुश्मन देश इन हालातों इसका फायदा उठा सकते हैं.’
‘बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी का घटना चिंताजनक’
हिंदू अल्पसंख्यक दीपू चंद्र दास की हत्या को लेकर उन्होंने कहा, ‘हिंदू व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या की घटना और बांग्लादेश सरकार की ओर से 10 आरोपियों की गिरफ्तारी एक छोटा कदम है. हम उम्मीद करते हैं कि बांग्लादेश सरकार आगे और भी कार्रवाई करेगी, लेकिन हम चाहते हैं कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं हो.’ उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी घट रही है, जो भारत के लिए चिंता का विषय है.
भारत के पूर्वोत्तर और चिकन नेक कॉरिडोर को लेकर बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस के बयान को खतरनाक और गैर-जिम्मेदाराना बताया. उन्होंने कहा कि ऐसे बयान मौजूदा अंतरिम सरकार के तहत बढ़ते कट्टरपंथी प्रभाव को दर्शाते हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी जिम्मेदार नेता अपने पड़ोसी देश को धमकी नहीं दे सकता, खासकर उस देश को जिस पर बांग्लादेश व्यापार, ट्रांजिट और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए निर्भर है.
Source: IOCL
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