राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बांदर सिंदरी में ‘हिंदी का वैश्विक परिदृश्य और रोजगारपरक संभावनाएं’ विषय पर एक विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य हिंदी भाषा के शैक्षणिक, व्यवसायिक और वैश्विक महत्व को रेखांकित करना था।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राज्य चुनाव आयोग के ओएसडी (मीडिया) प्रो. सुधीर सोनी थे। उन्होंने हिंदी की वैश्विक स्वीकार्यता, बदलते मीडिया परिदृश्य और प्रशासन, पत्रकारिता, अनुवाद, डिजिटल प्लेटफॉर्म तथा नवाचार आधारित संचार माध्यमों में इसकी बढ़ती भूमिका पर विचार साझा किए। प्रो. सोनी ने कहा कि डिजिटल युग में हिंदी केवल साहित्य या संवाद की भाषा नहीं रही, बल्कि यह शासन, मीडिया और तकनीक के क्षेत्र में एक सशक्त करियर विकल्प के रूप में उभर रही है। उन्होंने स्टूडेंट्स से ज्ञान, कौशल और समयानुकूल दक्षताओं को अपनाकर हिंदी के माध्यम से रोजगार की अपार संभावनाओं का लाभ उठाने का आह्वान किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अधिष्ठाता अकादमिक प्रो. डीसी शर्मा ने की। उन्होंने कहा कि हिंदी हमारे राष्ट्र की भाषा है और हमें इसे अधिक से अधिक अपनाना चाहिए। प्रो. शर्मा ने बताया कि कुलपति प्रो. आनंद भालेराव के प्रयासों से स्टूडेंट्स को परीक्षा में हिंदी में उत्तर लिखने की अनुमति दी गई है, और पीएचडी शोधार्थी भी अपना शोध प्रबंध हिंदी भाषा में लिख सकते हैं।
इसी मौके पर हिंदी पखवाड़ा–2025 के तहत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के पुरस्कार विजेताओं को प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। इन प्रतियोगिताओं में हिंदी निबंध लेखन, प्रशासनिक शब्दावली एवं हिंदी अनुवाद, हिंदी टिप्पणी एवं प्रारूपण, कर्मचारियों के लिए हिंदी टंकण प्रतियोगिता, स्टूडेंट्स के लिए हिंदी वाद-विवाद और हिंदी स्वरचित कविता पाठ प्रतियोगिताएं शामिल थीं।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव अमरदीप शर्मा ने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक कर्मचारी और स्टूडेंट्स बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। अंत में अधिष्ठाता मानविकी एवं भाषा स्कूल प्रो. शीतल प्रसाद महेंद्रा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन हिंदी अधिकारी डॉ. ओम कुमार कर्ण ने किया।
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