गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, कोसी कटारमल में वर्ष 2025-26 की तिमाही राजभाषा हिन्दी कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का विषय ‘सरकारी कामकाज और राजभाषा हिन्दी’ था। इसका आयोजन राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्य महेश चन्द
कार्यशाला की शुरुआत संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक और राजभाषा कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष महेन्द्र सिंह लोधी के स्वागत उद्बोधन से हुई। उन्होंने संस्थान में राजभाषा हिन्दी के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। लोधी ने प्रतिभागियों से अपील की कि वे ऐसी कार्यशालाओं से प्राप्त ज्ञान को अपने व्यवहार में अपनाएं।
महेश चन्द्र सती ने राजभाषा विभाग द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए जारी वार्षिक कैलेंडर और कार्यशाला के उद्देश्यों की जानकारी दी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संविधान में हिन्दी को प्राप्त स्थान को देखते हुए सरकारी कामकाज में इसके अधिकाधिक प्रयोग की आवश्यकता है। सती ने शोध कार्यों को भी हिन्दी में करने की पद्धति को बढ़ावा देने पर बल दिया।
उन्होंने बताया कि संस्थान राजभाषा विभाग द्वारा वर्गीकृत ‘क’ क्षेत्र में आता है। इसलिए, हिन्दी पत्राचार के लिए निर्धारित शत-प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करना अनिवार्य है। सती ने यह भी उल्लेख किया कि राजभाषा विभाग द्वारा किए गए निरीक्षणों में संस्थान में हिन्दी का कार्य संतोषजनक पाया गया है, जिसे और मजबूत किए जाने की आवश्यकता है।
कार्यशाला में राजभाषा अधिनियम, राजभाषा नियम, हिन्दी दिवस और विश्व हिन्दी दिवस का महत्व जैसे विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई। इसके अतिरिक्त, राजभाषा आयोग, पुरस्कार योजनाएं, वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली, विभिन्न प्रकार के पत्राचार, कार्यालयी हिन्दी, टिप्पणियां, परिपत्र, कार्यालय आदेश और कम्प्यूटर में यूनिकोड के प्रयोग पर भी चर्चा हुई।
इस अवसर पर हिन्दी में शोध कार्य को प्रोत्साहित करने और हिन्दी में कार्य करने वाले अधिकारियों तथा कर्मचारियों के लिए पुरस्कार योजनाओं की जानकारी भी साझा की गई। कार्यशाला में राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्य सजीष कुमार, आकृति अग्रवाल सहित संस्थान के लगभग 40 अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
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