कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में फंसी चेतना (3) तक पहुंचने का इंतजार और लंबा हो गया है। करीब 170 फीट गहराई में जो सुरंग खोदी जा रही थी उसकी दिशा ही गलत है। कलेक्टर कल्पना अग्रवाल का कहना है कि अब तक बोरवेल को ट्रेस नहीं किया जा सका है। हालांकि, क
बीते चार दिन से 6 जवानों की टीम 10 फीट की सुरंग खोदने का काम कर रही है। अब तक अधिकारियों का कहना था कि अंदर ऑक्सीजन लेवल कम होने और पत्थरों के कारण परेशानी आ रही है। हालांकि, गलत दिशा में खुदाई की जानकारी ने फिर से अधिकारियों की प्लानिंग पर सवाल खड़े कर दिए है।
सोमवार (30 दिसंबर) को कलेक्टर और एनडीआरएफ ने चेतना के जल्द बाहर निकलने का दावा भी किया था। इस उम्मीद में परिवार दिनभर बोरवेल के पास ही इंतजार करता रहा।
किरतपुरा के बड़ियाली की ढाणी की चेतना 23 दिसंबर को खेलते हुए बोरवेल में गिर गई थी। इसके बाद से वह भूखी-प्यासी है और करीब 120 फीट की गहराई में फंसी है।
परिवार और ग्रामीणों की बढ़ी नाराजगी रेस्क्यू ऑपरेशन में हो रही लगातार देरी की वजह से चेतना के परिजनों और ग्रामीणों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। परिवार का कहना है कि समय पर उचित कदम उठाए जाते तो चेतना को पहले ही बाहर निकाला जा सकता था। इसके बाद सोमवार शाम करीब 06:30 बजे कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने दोबारा परिजनों से मुलाकात की।
उन्हें रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही परेशानियों को समझाया। उन्होंने बताया कि वो बच्ची को बाहर निकालने के लिए हर लेवल पर काम कर रहे हैं। एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है, लेकिन ये ऑपरेशन काफी पेचीदा है इसलिए समय लग रहा है।
अब देखिए रेस्क्यू से जुड़े PHOTOS…
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