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पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुए तिहरे हत्याकांड में जिंदा बचे नाबालिग लड़के ने राज्य बाल संरक्षण आयोग के समक्ष विस्फोटक बयान दिया है. दावा है कि चाचा ने हत्याकांड की रात उसे मारने के लिए चेहरे को तकिए से दबाया था. यह बात किशोर ने 19 फरवरी को कोलकाता के तंगरा इलाके में हुए तिहरे हत्याकांड के संबंध में कही.
आयोग की सलाहकार अनन्या चक्रवर्ती के नेतृत्व में राज्य बाल संरक्षण आयोग के दो सदस्य कोलकाता के एनआरएस अस्पताल में नाबालिग से मिलने गए. इस घटना में जीवित बचे तीन बच्चों का वर्तमान में राज्य सरकार के इस अस्पताल में इलाज चल रहा है.
आयोग की सलाहकार अनन्या चक्रवर्ती ने बताया, नाबालिग ने कहा कि उसके पिता और चाचा आर्थिक नुकसान और कर्ज के कारण मानसिक रूप से टूट चुके हैं. घटना से दो दिन पहले उसने अपने पिता प्रसून डे को यह कहते हुए सुना था कि ”अब लेनदार हमारा पीछा करेंगे. मौत के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है.” इसके बाद पूरी योजना बनाई गई.
अनन्या चक्रवर्ती ने बताया, ”नाबालिग ने बताया कि वह नियमित रूप से योग करता था, इसलिए नींद की गोलियां मिली खीर खाने के बाद भी उसे कुछ नहीं हुआ. उसने दावा किया कि उसके चाचा ने मौत देने के लिए उसका मुंह-नाक तकिए से दबा दिए थे. लेकिन वह काफी देर तक अपनी सांस रोके रहा, मानो वह वाकई मर गया हो.”
कोलकाता पुलिस के सूत्रों ने यह भी बताया कि नाबालिग लड़के ने उनके सामने भी यही बयान दिया था. पुलिस सूत्र ने aajtak को बताया, ‘नाबालिग ने बताया कि जब उसके चाचा ने उसे मारने के लिए उसके चेहरे पर तकिया दबाया, तो वह योगाभ्यास करने के तरीके का इस्तेमाल करके बच गया. उसने अपनी सांस को लंबे समय तक रोके रखा और ऐसा व्यवहार किया जैसे वह मर गया हो. जब उसके चाचा और पिता ने उसे मरा हुआ मान लिया तो वे कमरे से बाहर चले गए.’
पुलिस सूत्रों ने aajtak को बताया, “यह संदिग्ध मामला लगता है, क्योंकि उनके घर से कोई योगा मैट बरामद नहीं हुआ है. हालांकि, घर से दो जिम बैग मिले हैं, लेकिन वे प्रसून और प्रणय के ही हैं. इसलिए अब सभी बयानों की जांच कोलकाता पुलिस कर रही है.”
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पुलिस के मुताबिक, प्रणय की योजना सभी को नींद की गोलियां मिलाकर खीर खिलाने की थी. जब यह योजना कामयाब नहीं हुई, तो प्रसून ने अगली योजना बनाई. अस्पताल में पूछताछ के दौरान प्रसून ने पुलिस को बताया कि उनकी पत्नियों सुदेशना और रोमी ने खुद ही अपने हाथ की नसें काट ली थीं. हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका जिक्र नहीं है. इस संबंध में प्रणय के बयान के मुताबिक, उसने कुछ नहीं देखा. हालांकि, प्रणय ने पुलिस को बताया कि प्रसून ने उससे हाथ की नसें काटने को भी कहा था. लेकिन वह ऐसा नहीं कर सका.
बाल संरक्षण आयोग के सलाहकार ने कहा, ‘किशोर के बयान के अनुसार उसके माता-पिता और चाचाओं ने घर की छत से कूदकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी.’ हालांकि, पुलिस सूत्रों का दावा है कि जांचकर्ताओं को दोनों भाइयों के छत से कूदने के बारे में कुछ भी पता नहीं था.
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अनन्या चक्रवर्ती ने कहा, ‘राज्य बाल संरक्षण आयोग बच्चे को घर भेजने को तैयार नहीं है. हम उसे किसी रिश्तेदार की देखरेख में रखना चाहते हैं. इस बारे में प्रसून के ससुराल वालों से बात की जाएगी. हालांकि, अगर वे उसकी जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते हैं, तो भी एक दंपत्ति ने बच्चे के भरण-पोषण की जिम्मेदारी लेने में रुचि दिखाई है.’
दूसरी ओर, सूत्रों ने बताया कि डे परिवार के दो जीवित भाई प्रणय और प्रसून को एक-दो दिन में एनआरएस अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है.
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