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महाराष्ट्र के ठाणे में एक अदालत ने एक व्यवसायी को एक साल की कैद की सजा सुनाई है. साथ ही उस पर 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. क्योंकि उस कारोबारी ने किसी को 10 लाख रुपये के चार चेक दिए थे, जो बाउंस हो गए.
ठाणे की अदालत में यह कार्यवाही 9 जून को हुई थी. लेकिन इसका विवरण शुक्रवार को उपलब्ध कराया गया. ठाणे के 11वें अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ए डी मार्गोडे ने यह भी कहा कि अगर व्यवसायी नितिन तावड़े जुर्माना अदा करने में विफल रहा, तो उसे छह महीने की अतिरिक्त जेल की सजा भुगतनी होगी.
कारोबारी नितिन तावड़े ने नाबालिग शिकायतकर्ता को चार चेक जारी किए थे, जिसका प्रतिनिधित्व उसके पिता संतोष पलशिकर कर रहे थे. पलशिकर ने तावड़े को उसके आइसक्रीम पार्लर कारोबार के लिए 17 लाख रुपये का ऋण दिया था, जिसमें से 3.05 लाख रुपये NEFT के माध्यम से चुकाए गए थे, जबकि 2.5 लाख रुपये के छह में से चार चेक बाउंस हो गए थे.
नितिन तावड़े के खिलाफ मामला निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत आगे बढ़ा, जो अपर्याप्त फंड या खाता बंद होने के कारण चेक अनादर से संबंधित है. मजिस्ट्रेट मार्गोडे ने अपने फैसले में धारा 138 के तहत सजा के लिए आवश्यक सभी पांच प्रमुख घटकों को बरकरार रखा.
जिसमें कानूनी रूप से लागू ऋण के लिए चेक जारी करना, समय पर प्रस्तुति, अनादर, कानूनी नोटिस और निर्धारित अवधि के भीतर भुगतान न करना शामिल है. उन्होंने आदेश दिया कि शिकायतकर्ता को तीन महीने के भीतर मुआवजे के रूप में 20 लाख रुपये का जुर्माना दिया जाए.
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