इस शख्स ने पहले ही धराली आपदा का दिया था संकेत… महीनों पुराना Video अब हो रहा वायरल – आज तक

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मेरठ के एक एस्ट्रोलॉजर ने पिछले साल नवंबर में एक इंस्टाग्राम पोस्ट में धराली की बसावट को लेकर संभावित आपदा के संकेत दिए थे. उन्होंने मॉर्डन धराली की बसावट को खतरनाक बताया था, जो कि गंगा की तलहटी पर बसा हुआ है.
इंस्टाग्राम पर 21 नवंबर 2024 को इंस्टाग्राम पर @sandeeppulasttya नाम के हैंडल से एक वीडियो पोस्ट किया गया था. इसमें एक शख्स धराली के पास एक पहाड़ी पर खड़े होकर इस गांव और आसपास के इलाके के बारे में जानकारी देता हुआ दिखाई दे रहा है.
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मेरठ के इस शख्स ने आपदा की ओर किया था इशारा
इनका नाम संदीप है और ये मेरठ के एक एस्टोलॉजर हैं. धराली में बादल फटने की घटना के बाद दोबारा इन्होंने अपने इस पुराने वीडियो को शेयर किया है और बताया है कि छह माह पहले मैंने धराली को लेकर संभावित खतरे की ओर इशारा किया था.
1000 साल पुराना है धराली का इतिहास
वीडियो में संदीप धराली गांव की ओर इशारा करते हुए बताते हैं कि पहाड़ी के ऊपर चोटी पर जो घर बने हुए हैं, वही धराली गांव है और इसका 1000 साल पुराना इतिहास है. उन्होंने बताया कि इस गांव के कई घर 800 वर्ष पुराने हैं, जो अब तक रेनोवेट भी नहीं हुए हैं.
इसके बाद संदीप पहाड़ की चोटी से नीचे गंगा की तलहटी की ओर इशारा करते हैं. वह बताते हैं कि तलहटी में एक मॉर्डन धराली गांव बसा दिया गया है. यहां होटल और गेस्ट हाउस वगैरह हैं. बता दें कि, बादल फटने के बाद इसी मॉर्डन धराली में कीचड़ और गाद की बाढ़ आ गई थी और सारे घर और होटल कई फीट कीचड़ और मलबे के अंदर दब गए थे.
गंगा की तलहटी में बसा है मॉर्डन धराली, यहीं आई है तबाही
संदीप ये कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि पहले भी जब आपदा आई थी तो ये मॉर्डन धराली गांव बह गया था. उसके बाद फिर से यहां घर बना दिए गए, जो नहीं होने चाहिए. क्योंकि ये काफी रिस्की है. क्योंकि ये गंगा नदी है, जिसे भागीरथी भी कहते हैं. गंगा के इस पूरे क्षेत्र में राफ्टिंग होती है.
इसके बाद वो धराली गांव की और भी विशेषता के बारे में बताते हैं. उन्होंने बताया कि जिस पहाड़ पर धराली बसा हुआ है. उसके पूरे इलाके में सेब के बागान हैं. यहां इंटरनेशन क्वालिटी के सेब का उत्पादन होता है जो सिर्फ विदेश भेजे जाते हैं. इसके अलावा उन्होंने सात ताल ट्रैक के बारे में भी बताया.
धराली से ही पंच महादेव और सात ताल के लिए जाता है रास्ता
उन्होंने सात ताल की खासियत भी बताई कि यहां सात रंग के ताल है. हर एक में अलग-अलग रंग का पानी है. किसी में लाल, किसी में नीला, किसी में हरा, तो किसी में काला. फिर उन्होंने दूर एक पहाड़ की चोटी पर स्थित पंच महादेव के बारे में भी बताया. वहां जाने के लिए भी रास्ता इसी धराली गांव से होकर निकला हुआ है.

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