भारतीय रेलवे ने एक बार फिर यात्रियों को बड़ी सौगात दी है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव गुजरात के भावनगर रेलवे स्टेशन से एक साथ तीन नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. इस अवसर पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भी कार्यक्रमों में शामिल होंगे. इन ट्रेनों से देश के पांच राज्यों- गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के लाखों यात्रियों को सीधा और सस्ता सफर करने की सुविधा मिलेगी.
भावनगर-अयोध्या साप्ताहिक एक्सप्रेस
यह ट्रेन गुजरात के भावनगर और उत्तर प्रदेश के धार्मिक नगरी अयोध्या के बीच सीधा रेल संपर्क स्थापित करेगी. अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के बाद लगातार यात्रियों की संख्या बढ़ रही है, ऐसे में गुजरात से सीधी ट्रेन सेवा से श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिलेगी.
रीवा-पुणे एक्सप्रेस
मध्य प्रदेश के रीवा और महाराष्ट्र के पुणे के बीच यह ट्रेन खासतौर से नौकरीपेशा और छात्रों के लिए फायदेमंद साबित होगी. अब विंध्य क्षेत्र से सीधे महाराष्ट्र के आईटी और एजुकेशन हब पुणे जाना पहले से आसान हो जाएगा.
मध्य प्रदेश के जबलपुर और छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बीच नई इंटरसिटी ट्रेन शुरू की गई है, जिससे दोनों शहरों के बीच आवागमन आसान होगा. व्यापार,शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह ट्रेन अहम भूमिका निभाएगी.
दिल्ली में विपक्षी इंडिया गठबंधन की तरफ से 7 अगस्त को डिनर का आयोजन किया गया है. खबर है कि इसमें टीएमसी महासचिव और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी भी शामिल होंगे.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के तमाम देशों के खिलाफ टैरिफ वॉर छेड़ रखा है. ट्रंप सरकार अमेरिकी प्रोडक्ट पर लगने वाले टैक्स को कम करने का दबाव लगातार डाल रहे हैं. साथ ही अमेरिकी उत्पादों के आयात को बढ़ाने की बात भी कर रहे हैं. पढ़ें विस्तार से खबर…
यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से भारत ने रूस से कच्चे तेल का आयात तेजी से बढ़ाया है. पहले जहां रूसी तेल भारत के आयात का केवल 0.2 प्रतिशत था, अब यह 35-40 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जिससे रूस भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया है. जून 2025 में भारत ने रूस से प्रतिदिन 2.08 मिलियन बैरल कच्चा तेल आयात किया, जो जुलाई 2024 के बाद सबसे अधिक है. रियायती दरों पर रूसी तेल ने भारत को 2022-2024 के बीच 13-25 बिलियन डॉलर की बचत कराई, जिससे मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में मदद मिली.
हालांकि, ट्रंप ने दावा किया कि भारत अब रूस से तेल खरीदना बंद कर सकता है, लेकिन भारतीय सरकारी सूत्रों ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि रूसी तेल खरीद पर कोई रोक नहीं लगाई गई है. सूत्रों ने कहा, ‘भारत की ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हितों और बाजार की स्थिति पर निर्भर करती है. भारतीय तेल कंपनियों द्वारा रूसी आयात रोकने की कोई रिपोर्ट नहीं है.’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी साफ किया कि भारत की ऊर्जा नीति वैश्विक बाजार की उपलब्धता और राष्ट्रीय हितों पर आधारित है, और भारत-रूस संबंध एक स्थिर और टाइम टेस्टेड साझेदारी पर टिके हैं.
अमेरिका और रूस के बीच बढ़ते तनाव ने वैश्विक तेल बाजार में हलचल मचा दी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए 10-12 दिन की समयसीमा दी है, और ऐसा न करने पर रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर कड़े प्रतिबंध और 100 से 500 प्रतिशत तक के सेकेंडरी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है. विश्लेषकों के अनुसार, इससे कच्चे तेल की वैश्विक आपूर्ति में रुकावट आ सकती है, जिसके चलते ब्रेंट क्रूड की कीमतें अक्टूबर 2025 तक 72.07 डॉलर से बढ़कर 76 डॉलर और साल के अंत तक 80-82 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं. डब्ल्यूटीआई क्रूड का सितंबर फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट, जो वर्तमान में 69.65 डॉलर पर है, 73 डॉलर तक जा सकता है, और 2025 के अंत तक 76-79 डॉलर तक पहुंचने की संभावना है. दोनों के लिए समर्थन स्तर क्रमशः 69 डॉलर और 65 डॉलर पर है.
वेंचुरा सिक्योरिटीज के कमोडिटीज और सीआरएम प्रमुख एनएस रामास्वामी ने चेतावनी दी है कि इन प्रतिबंधों से तेल बाजार में अचानक बदलाव आ सकता है, जिससे अतिरिक्त उत्पादन क्षमता में कमी और आपूर्ति में रुकावट होगी. इससे 2026 तक तेल का सरप्लस खत्म हो सकता है. उन्होंने कहा, ‘सऊदी अरब और चुनिंदा ओपेक देशों से आपूर्ति अंतर को पूरा करने में समय लगेगा, जिसके चलते निकट भविष्य में कीमतें बढ़ेंगी.’ कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अगर रूस को वैश्विक तेल आपूर्ति से बाहर किया जाता है, तो कीमतें 100-120 डॉलर प्रति बैरल तक भी जा सकती हैं, क्योंकि रूस वैश्विक तेल आपूर्ति का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा प्रदान करता है.