INDIA ब्लॉक के नेताओं संग राहुल गांधी की 'डिनर पॉलिटिक्स', दिखाए चुनावी धोखाधड़ी के 'सबूत' – आज तक

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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कथित ‘इलेक्टोरल फ्रॉड’ यानी चुनावी धांधली पर इंडिया ब्लॉक के नेताओं के साथ चर्चा की. राहुल गांधी के निवास पर आज डिनर मीटिंग आयोजित की गई. उन्होंने INDIA ब्लॉक के नेताओं को एक प्रेजेंटेशन दिखाया. इस बैठक का मकसद चुनाव में हुई कथित गड़बड़ियों पर एक साझा रणनीति बनाना है. गौरव गोगोई ने बताया कि राहुल गांधी ने सबूतों के साथ बताया कि वोटिंग में कैसे धांधली हो रही है.
INDIA bloc meeting
राहुल गांधी के आवास पर आयोजित की गई इस डिनर मीटिंग में INDIA ब्लॉक की करीब 25 पार्टियों के 50 नेता शामिल हुए. अलग-अलग राज्यों में कांग्रेस के तीनों मुख्यमंत्री- सुखविंदर सिंह सुक्खू, रेवंत रेड्डी और सिद्धारमैया भी मीटिंग में शामिल हुए.
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इसके अलावा, शरद पवार, फारूक अब्दुल्ला, अभिषेक बनर्जी, उद्धव और आदित्य ठाकरे, अखिलेश और डिंपल यादव, तेजस्वी यादव, और महबूबा मुफ्ती जैसे प्रमुख नेता भी मीटिंग में शामिल होने के लिए आए. प्रियंका गांधी वाड्रा भी इस बैठक का हिस्सा हैं.
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‘इलेक्टोरल फ्रॉड’ पर सबूतों के साथ प्रेजेंटेशन
गौरव गोगोई ने बताया कि राहुल गांधी ने ‘इलेक्टोरल फ्रॉड’ के संबंध में सबूतों के साथ एक विस्तृत प्रेजेंटेशन दी. उन्होंने दिखाया कि किस तरह से वोटिंग में धांधली की जा रही है. बैठक का माहौल बहुत ही पॉजिटिव था और सभी नेताओं ने इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया. इस प्रेजेंटेशन के बाद INDIA ब्लॉक के नेताओं ने सरकार पर सवाल खड़े किए और दबाव बनाने की रणनीति पर चर्चा की.
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11 अगस्त को ECI तक मार्च का फैसला…
राहुल गांधी की प्रेजेंटेशन और आपसी चर्चा के बाद एक बड़ा फैसला लिया गया. INDIA ब्लॉक के नेताओं ने 11 अगस्त को चुनाव आयोग (ECI) तक मार्च निकालने का फैसला किया है. यह कदम चुनाव में कथित धांधली के आरोपों को लेकर एक संयुक्त विरोध प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है. नेताओं ने एक-दूसरे के विचारों को सुना और इस मुद्दे पर मिलकर आगे बढ़ने पर सहमति जताई है.
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की कार्यशैली पर उठाए सवाल…
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग द्वारा 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को जिताने का आरोप लगाया है. इंदिरा भवन स्थित कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी 33 हजार से कम अंतर की 25 लोकसभा सीटों के कारण प्रधानमंत्री हैं. आकड़ों के साथ प्रजेंटेशन देते हुए उन्होंने कर्नाटक की बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण दिया, जहां 1,00,250 फर्जी वोट बनाए गए थे.
महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र की विस्तृत जांच के बैकग्राउंड की चर्चा करते हुए राहुल गांधी ने बताया कि उनकी पार्टी को आंतरिक सर्वे में कर्नाटक में लोकसभा की 16 सीटें जीतने की उम्मीद थी, लेकिन पार्टी को नौ सीटें ही मिलीं. इसके बाद उन्होंने सात अप्रत्याशित हारी हुई सीटों पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने कहा कि बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट पर बीजेपी को 6,58,915 वोट मिले, जबकि कांग्रेस को 6,26,208 वोट हासिल हुए. बीजेपी ने 32,707 वोटों से यह सीट जीती. इसी लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी ने 1,14,046 वोटों की भारी बढ़त हासिल की. जबकि बेंगलुरु सेंट्रल के अंतर्गत आने वाले अन्य विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को बीजेपी से ज्यादा वोट मिले थे.
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’40 हजार वोटर्स के एड्रेस नहीं…’
सीनियर कांग्रेस नेता ने बताया कि कांग्रेस ने छह महीने की कड़ी मेहनत कर महादेवपुरा विधानसभा की वोटर लिस्ट का विश्लेषण किया और पांच तरह की धांधलियों का पता लगाया. उन्होंने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि इस विधानसभा में 11,965 मतदाता ऐसे थे, जिनके नाम वोटर लिस्ट में एक से ज्यादा बार थे. उन्होंने गुरकीरत सिंह डांग का उदाहरण दिया, जिनका नाम चार बूथों पर था. उन्होंने आदित्य श्रीवास्तव और विशाल सिंह का भी हवाला दिया, जिनके अन्य राज्यों की वोटर लिस्ट में भी नाम थे. 
इसी तरह इस विधानसभा में 40,009 मतदाता ऐसे थे, जिनके एड्रेस या तो मौजूद नहीं थे, या हाउस नंबर जीरो था. राहुल गांधी ने आगे बताया कि 10,452 ऐसे मतदाता, जिनके एक ही पते दिखाए गए थे. एक कमरे के घरों में 50 से 80 वोटरों के पते दर्ज थे. जांच में पता चला कि वहां कोई रहता ही नहीं था. वोटर लिस्ट में 4,132 मतदाताओं की या तो फोटो थी ही नहीं, या इतनी छोटी थी कि पहचान नहीं हो सकती थी.
‘फॉर्म 6 का गलत इस्तेमाल…’
राहुल गांधी ने बताया कि नए मतदाता को जोड़ने के लिए बने फार्म 6 का बहुत गलत इस्तेमाल किया गया. इसके ज़रिए 70-75, 85-95 वर्ष की आयु वालों समेत 33,692 मतदाताओं को फर्स्ट टाइम वोटर बनाया गया था. इस तरह कुल 1,00,250 वोट फर्जी बनाए गए.
राहुल गांधी ने कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में आश्चर्यजनक नतीजों के बाद उनके संदेह और पुख्ता हो गए. महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच एक करोड़ नए मतदाता जुड़े. उन्होंने कहा कि शाम पांच बजे के बाद वोटिंग प्रतिशत में असामान्य उछाल देखा गया, जबकि उस समय मतदान केंद्रों पर बड़ी संख्या में वोटर नजर नहीं आए थे.
राहुल गांधी ने आगे कहा कि चुनाव आयोग जानबूझकर वोटर लिस्ट की मशीन रीडेबल डिजिटल कॉपी और सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने से इनकार करता रहा, जिससे विपक्षी दल उसकी जांच न कर सकें. उन्होंने जोर देकर कहा कि इन सब बातों से यह यकीन हो गया कि चुनाव आयोग बीजेपी के साथ मिलीभगत कर चुनावों में धांधली करा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि चुनाव आयोग ने सीसीटीवी फुटेज तक पहुंच सीमित करने के लिए कानून बदल दिया.
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राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग को लोकतंत्र को नष्ट करने का नहीं, बल्कि उसकी रक्षा करने का काम करना चाहिए. उन्होंने इसे भारतीय संविधान के खिलाफ एक अपराध करार दिया. उन्होंने आगे कहा कि महादेवपुरा में डेटा विश्लेषण से एक विधानसभा क्षेत्र में हुई गड़बड़ी के स्पष्ट प्रमाण मिले हैं, लेकिन उन्हें पूरा विश्वास है कि यह सिलसिला देशभर में चल रहा है. राहुल गांधी ने ज़ोर देते हुए कहा कि चुनाव आयोग और सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा देश के साथ एक बड़ा आपराधिक धोखा किया जा रहा है.
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