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मुफ्ती शमाइल नदवी (Mufti Shamail Nadwi) एक इस्लामिक स्कॉलर, वक्ता, संस्थापक और समाजसेवी हैं, जिन्होंने न केवल धर्मशास्त्र में गहरी पकड़ बनाई है बल्कि युवाओं को शिक्षा और सामाजिक जागरूकता के माध्यम से मार्गदर्शन देने का कार्य भी किया है. मुफ्ती शमाइल नदवी “मरकज-अल-वहयैन” नामक ऑनलाइन शैक्षिक संस्थान के संस्थापक और प्रधानाचार्य हैं. इसके अलावा, 2024 में उन्होंने वाहियान फाउंडेशन नामक धार्मिक ट्रस्ट की स्थापना की, जो इस्लामी शिक्षा और समाजसेवा के कार्य करता है. इस ट्रस्ट के माध्यम से वे अरबी भाषा और बुनियादी इस्लामिक शिक्षा (कुरान, हदीस, फिक़्ह) के ऑफलाइन पाठ्यक्रम भी चलाते हैं.
मुफ्ती शमाइल नदवी एक लोकप्रिय धर्मगुरु और वक्ता हैं. वे यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस्लामी शिक्षाओं का प्रचार करते हैं. उनके व्याख्यान अक्सर नास्तिकता, विज्ञान और इस्लाम जैसे विषयों पर तुलनात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं.
इनका पूरा नाम शमाइल अहमद अब्दुल्ला है. मुफ्ती शमाइल नदवी का जन्म 7 जून 1998 को कोलकाता के एक धार्मिक परिवार में हुआ. बचपन से ही उनका झुकाव धर्म और दर्शन की ओर रहा. उनके पिता मौलाना अबु सईद के मार्गदर्शन में शमाइल ने प्रारंभिक इस्लामिक शिक्षा प्राप्त की और कुरान की बेसिक पढ़ाई कोलकाता में पूरी की.
2014 में मुफ्ती शमाइल ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित प्रतिष्ठित इस्लामिक शिक्षा संस्थान दारुल उलूम नदवतुल उलेमा में दाखिला लिया. छह साल की गहन पढ़ाई के दौरान उन्होंने इस्लामी धर्मशास्त्र, कुरान, हदीस और फिक़्ह (इस्लामी कानून) का ज्ञान हासिल किया. इस संस्थान से पढ़ाई करने के कारण उन्होंने अपने नाम के साथ “नदवी” जोड़ा.
शमाइल नदवी ने अपने इस्लामिक ज्ञान को और भी गहरा करने के लिए मलेशिया में पीएचडी का अध्ययन शुरू किया. वे न केवल एक मुफ्ती हैं, बल्कि इस्लामिक धर्मशास्त्र के गहन जानकार भी माने जाते हैं.
मुस्लिम युवाओं में उनकी लोकप्रियता इस कारण भी है कि वे स्पष्ट और सटीक भाषा में अपने विचार रखते हैं। धार्मिक सवालों पर बेबाक राय और आधुनिक समाज तथा आस्था के मुद्दों पर उनके विचार उन्हें सुर्खियों में बनाए रखते हैं।
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