उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में 5 जुलाई को आई भीषण आपदा के बाद उत्तराखण्ड IAS एसोसिएशन ने एक सराहनीय पहल करते हुए मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन का वेतन देने का निर्णय लिया है. यह फैसला एसोसिएशन अध्यक्ष एल.ए. फैनई की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया. सचिव दिलीप जावलकर ने इसे प्रशासन की सामाजिक जिम्मेदारी और पीड़ितों के प्रति संवेदना का प्रतीक बताया है.
उत्तरकाशी आपदा में फंसे लोगों को बचाने के लिए राहत एवं बचाव कार्य तेज़ कर दिए गए हैं. देहरादून से ऑपरेशन में लगे 8 छोटे हेलीकॉप्टरों ने अब तक 52 फेरे लगाकर 260 लोगों को सुरक्षित निकाला, जबकि 154 लोगों को राहत केंद्रों तक पहुंचाया गया है. दुर्गम इलाकों में हेलीकॉप्टरों के जरिए राहत पहुंचाई जा रही है.
उत्तराखंड में आपदा प्रभावित क्षेत्रों से 112 लोगों को एयरलिफ्ट कर देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट लाया गया. राहत अभियान में भारतीय वायुसेना के चिनूक और MI हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल किया गया. यह एयरलिफ्टिंग ऑपरेशन तेज बारिश और दुर्गम परिस्थितियों के बीच प्रशासन और सेना की मुस्तैदी का प्रमाण है.
उत्तराखंड के पौड़ी जनपद में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा से प्रभावित क्षेत्रों का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को स्थलीय निरीक्षण किया. ग्रामीणों के बीच पहुंचकर उन्होंने पीड़ितों का हालचाल जाना, उनके आंसू पोंछे और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. कठिन रास्तों और टूटी पगडंडियों से होते हुए मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सैंजी, बांकुड़ा और बुरांसी जैसे गांवों का दौरा किया, जहां उन्होंने राहत कार्यों का जायजा लिया और अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए.
गंगोत्री में यात्री और स्थानीय समेत कुल 448 लोग.
448 में से 279 लोगों को लाया गया हर्षिल
25 लोग बीमार हैं. आईटीबीपी मेडिकल कैम्प में किया गया भर्ती.
147 यात्रियों को रेस्क्यू करके मातली हैलीपैड लाया गया
जनपद उत्तरकाशी के धराली में आपदा के बाद कुछ भी नही बचा है. सिर्फ आपदा के निशान चारों तरफ देखे जा सकते हैं और रेस्क्यू टीम जो सर्च ऑपरेशन में जुटी है, जिसकी तस्वीर आप इस समय देख सकते हैं. कभी सुंदर दिखने वाला यह शहर धराली आज मिट्टी में तब्दील है.
गंगोत्री से बहकर जब गंगा भागीरथी डाउन स्ट्रीम में आती है, तो करीब 17 किलोमीटर के बाद भागीरथी के एक ओर काफ़ी ऊंचाई पर मुखबा गांव है , तो ठीक दूसरी ओर धराली गांव था, जो अपेक्षाकृत समतल जगह पर बसा था. धराली गांव के बीचोंबीच से खीर गंगा बहती है, जो आम तौर पर सूखी रहती है. केवल बरसात के समय में ही ये गदेरे का रूप ले लेती है. पहली बार जब खीर गंगा में बवंडर आया तो उसने पूरी धराली गांव को गंगा भागीरथी तक समतल बना दिया. जैसे कि धराली गांव नहीं गंगा का तट हो जहां मरुस्थल बन चुका है. गुरुवार को धराली से लौटे गंगोत्री मंदिर के पूर्व सचिव हरीश सेमवाल जब उत्तरकाशी लौटे तो उन्होंने तबाह हो चुके धराली का वीडियो जारी किया. हरीश सेमवाल मुखबा के रहने वाले हैं। धराली में उनके परिचित तनाव वाले सगे संबधी रहते थे. उन्होंने मुखबा से धराली का वीडियो बनाया कि किस तरह धराली अब मरुस्थल बन गया.
274 लोगों को गंगोत्री एवं अन्य क्षेत्रों से हर्षिल लाया गया है तथा सभी सुरक्षित हैं. इनमें गुजरात के 131, महाराष्ट के 123, मध्य प्रदेश के 21, UP के 12, राजस्थान के 6, दिल्ली के 7, असम के 5, कर्नाटक के 5, तेलंगाना के 3 तथा पंजाब के 01 लोग हैं. सभी पूरी तरह से सुरक्षित हैं तथा इनको उत्तरकाशी / देहरादून लाया जा रहा है.
अब तक 87 लोगों को धराली हर्षिल से आईटीबीपी मातली शिफ्ट किया जा चुका है. रेस्क्यू ऑपरेशन निरंतरता और तीव्र गति से जारी है. हर्षिल में रुके यात्रियों को सुरक्षित मातली हैलीपैड लाया जा रहा है. सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व की टीमें लगातार सर्च एवं रेस्क्यू में जुटी हुई हैं.
हर्षिल में हुई चिनूक की लैंडिंग. MI-17 कुछ देर में उतर सकता है. धरासू में भी हेलीकॉप्टर लैंड की तैयारी. मौसम ने दिया आज साथ. रेस्क्यू ऑपरेशन में आई तेजी.
उत्तरकाशी आपदा को लेकर चीफ सेक्रेटरी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि धराली हादसे में दो लोगों की मौत हुई. दोनों के शव बरामद हो गए हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किस राज्य के कितने लोग फंसे. इसके जानकारी उनको नहीं है. संबंधित राज्य कर रहे हैं उत्तराखंड से संपर्क.
हर्षिल धराली में आई आपदा के बाद राहत बचाव कार्य निरंतर जारी है, सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ ,पुलिस समित सभी संबंधित एजेंसियों रेस्क्यू में युद्ध स्तर से जुटी हैं. प्राप्त सूचनानुसार सुबह 10 बजे तक 61 लोगों को हेली से आईटीबीपी मातली शिफ्ट किया जा चुका है. रेस्क्यू किए गए लोगों को उनके गंतव्य पर भेजने से प्रबंध भी सुनिश्चित किए गए हैं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कुछ ही देर में पौड़ी जनपद के सैंजी ग्राम एवं आसपास के आपदा ग्रस्त क्षेत्र का करेंगे निरीक्षण. राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा के साथ स्थानीय लोगों से करेंगे मुलाकात. समीक्षा के उपरांत उत्तरकाशी स्थित अस्थाई कैंप कार्यालय में लौटकर धराली, हर्षिल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का करेंगे पर्यवेक्षण.
उत्तरकाशी में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि युद्ध स्तर पर बचाव और राहत कार्य का ऑपरेशन चल रहा है. अभी तक डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों को बचाया जा चुका है. जबकि 65 के आसपास लोग लापता हैं. शाम तक स्थिति और ज्यादा साफ होगी जब लोग आएंगे और रिपोर्ट करेंगे. सारी बचाव और राहत कार्य एजेंसियां अपना काम कर रही हैं. युद्ध स्तर पर काम चल रहा है और उन्नत हेलीकॉप्टर डिप्लाय किए गए हैं. मुख्यमंत्री जी खुद वहां पर कैंप किए हुए हैं और राहत बचाव कार्य के ऑपरेशन को मजबूती ज्यादा से ज्यादा दी जा रही है.
पौड़ी जिले के पाबो और थलीसैंण ब्लॉक में बादल फटने से हुई तबाही के बाद से दर्जनों इलाकों मे आपदा जैसे हालत बने हुए हैं. गुरुवार को इलाके में मची तबाही में अब तक तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं. कई इलाकों का मुख्यालयों से संपर्क कटा हुआ है. थलीसैंण के कलगड़ी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग बना पुल बाढ़ में ढह गया, जिसकी जगह पर अब बैली ब्रिज मंगवाया जा रहा है. प्रशासन की ओर से इलाके में राहत बचाव कार्य किए जा रहे है. ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट किया गया है. वहीं, भारी बारिश के बाद पौड़ी के गडोली गांव के पास पुस्ता ढहने से कई भवनों पर खतरा बना हुआ है.
उत्तरकाशी की रहने वाली अंजलि पवार ने दावा किया कि उनके पति का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह रेंगते हुए नजर आ रहे हैं. यह उनके ही पति हैं. लेकिन अभी तक उनके पति और देवर की कोई खोज खबर नहीं मिल पाई है. उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई है कि उनके पति और देवर को जल्द तलाशा जाए.
उत्तरकाशी में भागीरथी नदी पर बनी झील को नियंत्रित विस्फोट से तोड़ा जाएगा. ताकि पानी धीरे-धीरे निकले. सिंचाई विभाग की टीम भू-वैज्ञानिक डा. नीरज जोशी की निगरानी में यह कार्य करेगी.
गुरुवार को शुरू हुए रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी तक कुल 9 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, जिसमें दो बच्चे भी शामिल हैं. युद्धस्तर पर धाराली गांव में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
उत्तरकाशी में घराली से आज सुबह का रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो चुका है और हेलीकॉप्टर के जरिए लगातार लोगों को रेस्क्यू कराया जा रहा है. अलग-अलग जगह से आए लोगों ने बताया कि वो किन हालात में फंसे थे. बुरा हाल था अब बहुत खुश हैं. सेना और आईटीबीपी को देखकर उन्हें हौसला मिला.
हर्षिल राहत कैम्प से 9 यात्रियों को गुरुवार को हैली से मातली पहुंचाया गया. उत्तरकाशी आपदा राहत में 8 हेलीकॉप्टर लगे हुे हैं. 3 और हेलीकॉप्टर भेजे गए देहरादून से उत्तरकाशी. चिनूक हेलीकॉप्टर नहीं कर पा रहा लैंडिंग. उत्तरकाशी में मौसम की वजह से लैंडिंग में दिक्कत. वापस जौलीग्रांट एयरपोर्ट लौटा चिनूक.